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‘चल उड़ जा रे पंछी’ हिन्दी फ़िल्म-संसार के महान संगीतकार चित्रगुप्त के व्यक्तित्व और कृतित्व का विस्तृत आकलन है| 1917 में बिहार राज्य में जन्मे चित्रगुप्त लेक्चरर की नौकरी छोड़कर 1944 में गायक बनने का सपना लेकर मुम्बई आए थे| 1946 से लेकर 1989 तक उन्होंने लगभग डेड़ सौ हिन्दी फ़िल्मों में संगीत दिया| 1962 में बनी भोजपुरी भाषा की पहली फ़िल्म 'गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो', और 1964 में बनी मगही भाषा की पहली फ़िल्म 'भइया' के अतिरिक्त उन्होंने गुजराती और पंजाबी फ़िल्मों में भी संगीत दिया था|
चित्रगुप्त द्वारा रचित कई गीत-- 'चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना', 'चली-चली रे पतंग मेरी चली रे ('भाभी' - 1957), 'रंग दिल की धड़कन भी लाती तो होगी' ('पतंग' - 1960), आदि आज भी गाए जाते हैं| उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत, पाश्चात्य, ग़ज़ल, क़व्वाली, लोक संगीत, भजन, लोरी आदि गीतों की विधाओं में अनेक लोकप्रिय और मधुर गीत रचे|
यह पुस्तक सरस्वती-पुत्री, भारतरत्न लता मंगेशकर के आशीर्वाद से प्रारम्भ होती है| हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक एवं प्रसिद्ध संगीतकार विशाल भारद्वाज ने इस पुस्तक का प्राक्कथन लिखा है ।पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, प्यारेलाल, आनन्दजी, किशोर देसाई, सुरेश वाडकर, उदित नारायण, अलका याग्निक, समीर एवं चित्रगुप्त के पुत्र-द्वय आनन्द तथा मिलिन्द जैसी अनेक फिल्मी हस्तियों एवं उनके परिजनों के भावुक संस्मरणों ने इस पुस्तक को व्यापक ऊँचाई दी है|
इस पुस्तक के दो खण्ड हैं| पहले भाग में चित्रगुप्त के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा है, तथा दूसरे भाग में चित्रगुप्त द्वारा रचे हिन्दी फ़िल्मों के सारे गीत, एवं भोजपुरी फ़िल्मों के चंद चर्चित गीतों को संकलित किया गया है|
यह पुस्तक संगीत-प्रेमियों को ही नहीं, बल्कि आम पाठक को भी आकर्षित करेगी, और संगीत के छात्रों तथा शोधार्थियों के लिए प्रामाणिक स्रोत का माध्यम बनेगी|
Chal Ud Ja Re Panchhi : Mahan Sangeetkar Chitragupt : Vyakti Evam Kriti
Dr. Narendra Nath Pandey
Rs. 1,500.00
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चित्रगुप्त द्वारा रचित कई गीत-- 'चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना', 'चली-चली रे पतंग मेरी चली रे ('भाभी' - 1957), 'रंग दिल की धड़कन भी लाती तो होगी' ('पतंग' - 1960), आदि आज भी गाए जाते हैं| उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत, पाश्चात्य, ग़ज़ल, क़व्वाली, लोक संगीत, भजन, लोरी आदि गीतों की विधाओं में अनेक लोकप्रिय और मधुर गीत रचे|
यह पुस्तक सरस्वती-पुत्री, भारतरत्न लता मंगेशकर के आशीर्वाद से प्रारम्भ होती है| हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक एवं प्रसिद्ध संगीतकार विशाल भारद्वाज ने इस पुस्तक का प्राक्कथन लिखा है ।पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, प्यारेलाल, आनन्दजी, किशोर देसाई, सुरेश वाडकर, उदित नारायण, अलका याग्निक, समीर एवं चित्रगुप्त के पुत्र-द्वय आनन्द तथा मिलिन्द जैसी अनेक फिल्मी हस्तियों एवं उनके परिजनों के भावुक संस्मरणों ने इस पुस्तक को व्यापक ऊँचाई दी है|
इस पुस्तक के दो खण्ड हैं| पहले भाग में चित्रगुप्त के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा है, तथा दूसरे भाग में चित्रगुप्त द्वारा रचे हिन्दी फ़िल्मों के सारे गीत, एवं भोजपुरी फ़िल्मों के चंद चर्चित गीतों को संकलित किया गया है|
यह पुस्तक संगीत-प्रेमियों को ही नहीं, बल्कि आम पाठक को भी आकर्षित करेगी, और संगीत के छात्रों तथा शोधार्थियों के लिए प्रामाणिक स्रोत का माध्यम बनेगी|
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