देहरी कैसे लांघूँ में प्रस्तुत कहानियों में विषयगत और अनुभवगत वैविध्य है इन अनुभवों का सम्बन्ध सिर्फ किसी एक पीढ़ीगत जीवन से नहीं है बल्कि अलग-अलग पीढ़ियां किस तरह की विडम्बनाओं और त्रास से जूझ रही है और किन परिस्थितयों में आज का व्यक्ति फंसा हुआ है इन सब बातों को लेकर इन कहानियों की कथा वस्तु को बनाया गया है।