Kala Dhaula Aur Rangeen
Description:
लिखित क्रिस्सागोई का बुनियादी गुण पठनीयता हुआ करता है, जो इस उपन्यास में पहले ही पृष्ठ से मौजूद है। यही कारण है कि उत्सुकता और जिज्ञासा को निरंतर बढ़ाता हुआ यह अंत तक बाँधे रखता है।
संपन्नतम राजघराने की इकलौती राजकुमारी और उपन्यास की नायिका फ़िल्म अभिनेत्री पलक स्वयं में एक पूरी दुनिया समेटे हुए है। कभी किसी एक के आगे भी नहीं खुलने वाली यही पलक जब अपने एक श्रोता लेखक के आगे खुलने पर आती है तो इतना कुछ खोल कर रख देती है कि देख कर सुखद आश्चर्य होता है।
ज्ञानी होने का दावा यह अभिनेत्री कभी नहीं करती। फिर भी साहित्य-कला-संगीत और मानव मनोविज्ञान की उसकी समझ का हर कोई क्रायल हो जाता है।
प्रसंगवश ग़ालिब, वान गॉग, मंटो के साथ ही मेहबूब खान, के. आसिफ, गुरुदत्त, पृथ्वीराज कपूर, दिलीपकुमार, भगवान दादा, मास्टर निसार, नौशाद, शकील, साहिर, रफी और सलीम-जावेद वगैरह के तरिकरे प्रभावी, स्वाभाविक और रोचक हैं।
अलग से न दिखाने के बावजूद पलक की खूबसूरती और उसके किरदार की बुलंदी भीनी-भीनी महक की तरह महसूस होती है।
ऐसे ही अन्य अनेक गुणों से संपन्न यह उपन्यास 'काला धौला और रंगीन' पठनीय और संग्रहणीय होने का अपने आप में प्रमाण है।