Smratiyan -Ur- Phvahen
Type: Hindi
Author: Rajkumar Kumbhaj
Description:
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं किसान परिवार छात्र-जीवन में सक्रिय राजनीतिक भूमिका के कारण पुलिस-प्रशासन द्वारा लगातार त्रस्त विहार प्रेस-विधेयक 1982 के विरोध में सशक्त आर सर्वथा-मालिक-प्रदर्शन आपात्काल 1975 में भी पुलिस बराबर परेशान करती रही अपमानित करने की हद तक 'सर्च' ली गई यहाँ तक कि निजी जिंदगी में भी पुलिस दखलंदाजी भुगती मानहानि विधेयक 1988 के खिलाफ खुद को जंजीरों में बाँधकर एकदम अनूठा सर्वप्रथम सड़क प्रदर्शन/डेढ़-दा सी शीर्ष स्थानीय पत्रकारों के साथ जेल देशभर में प्रथमतः अपनी पोस्टर कविताओं की प्रदर्शनी कनॉट प्लेस, नई दिल्ली 1972 में लगाकर बहुचर्चित गिरफ्तार मी हुए दो-तीन मर्तबा जेल-यात्रा तिहाड़ जेल में पंद्रह दिन सजा काटने के बाद नए अनुभवों से भरपूर फिर भी संवेदनशील, विनोदप्रिय और जिंदादिल स्वतंत्र-पत्रकार ।