Tute pankhon ki udaan
Description:
ह कृति 'टूटे पंखों की उड़ान' उन्हें ही सादर समर्पित करती हूँ।
इसके साथ ही कुछ ऐसे प्रियजनों का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ जिनके वांछित सहयोग के अभाव में मेरी रचना धर्मिता शायद विश्रांति ले लेती।
यह कहानी संग्रह समर्पित करती हूँ अपने भाई डॉक्टर नंदकुमार को जो हमेशा मेरे अनगढ़ विचारों का आधार बनते रहे और जिनका सानिध्य मुझे ऊर्जा से भरता रहा।
अपने पुत्र आदित्य विक्रम, बहू रानी प्रियंका और बिटिया दिव्य शिखा के साथ प्रिय प्रमोद को अपना यह संग्रह समर्पित करती हूँ जो स्वयं अपने स्थान की जद्दोजहद के बीच मुझे पूरा समय देकर प्रथम श्रोता बनने की भूमिका धैर्यपूर्वक निभाते रहे।
अपनी दोनों पोतियों शाम्भवी और श्यामली को इस श्रृंखला में शामिल कर रही हूँ जो मेरे लेखन को व्यतिक्रम से बचाने के लिए अपनी शरारतों पर खुशी-खुशी विराम लगातीं रहीं।
अपने छोटे भाई प्रिय आशुतोष राना (फिल्म अभिनेता) का उल्लेख भले ही अंत में कर रही हूँ किंतु आज इस रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत हूँ, मेरा यह रूप बिना रानाजी के संभव नहीं था। मुझसे मेरा नवीन परिचय कराने में मेरे अंदर प्रच्छन्न रूप में बैठे एक रचनाकार को आकार देने में, मेरे विचारों को शब्द देने में और खो चुकी कलम की धार को पैना