
Unki Kahaniyan Mere Natak
Description:
प्रख्यात नाटककार, अभिनेता, निर्देशक एवं शिक्षाविद प्रोफ़ेसर नरेन्द्र नाथ पांडेव जी द्वारा रचित विश्व की कालजयी कहानियों का हिन्दी नाट्य रूपांतर, साहित्य जगत की बड़ी घटना है। अनेक दृष्टियों से यह पुस्तक न केवल उत्सुक पाठकों, बल्कि शोधार्थियों एवं समालोचकों, तथा रंगकर्मी एवं फ़िल्म-निर्माताओं के लिए भी आकर्षक व उपयोगी सिद्ध होगी। साथ ही, हिन्दी में विश्वस्तरीय नाटकों की कमी भी दूर हो पाएगी। बड़ी साधना, तन्मयता और विद्वत्ता के साथ प्रोफेसर पांडेय जी ने इस कठिन काम को सृजनात्मक ऊँचाई दी है। उनकी अमोघ दृष्टि और विवेक के दर्शन कहानियों के चयन से लेकर नाट्य रूपांतर, संवादों की स्वाभाविकता और कथानक के निर्वाह में द्रष्टव्य होते हैं। कई बार लगता है, कि ऐसी ही प्रतिभाएँ महान कथाओं को फ़िल्म में रूपांतरित करती हैं। जो काम दृश्य माध्यम सुगमता से कर सकता है, उसे केवल श्रव्य माध्यम, यानी रेडियो के ज़रिए करना कठिन ही नहीं, 'तरवार के धार पे धावन है'।