Ye Mere Log
Type: Hindi
Author: Kameshwar Prasad Singh
Description:
देश और घर
हिन्दी मेरा देश है भोजपुरी मेरा घर घर से निकलता हूँ तो चला जाता हूँ देश में देश से छुट्टी मिलती है तो लौट आता हूँ घर इस आवाजाही में कई बार घर में चला आता है देश देश में कई बार छूट जाता है घर मैं दोनों को प्यार करता हूँ और देखिए न मेरी मुश्किल पिछले साठ बरसों से दोनों में दोनों को खोज रहा हूँ।
गमछा और तौलिया
गमछा और तौलिया दोनों एक तार पर टैंगे सूख रहे थे साथ-साथ वे टँगे थे जैसे दो संस्कृतियाँ जैसे दो हाथ-बायाँ और दायाँ झूलते हुए अगल-बगल तेज धूप में थोड़ी-सी गरमा-गरमी के बाद मैंने सुना- तौलिया गमछे से कह रहा था तू हिन्दी में सूख रहा है सूख, मैं अंग्रेजी में कुछ देर झपकी लेता हूँ।