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Hindi Kavya Mein Vyangya Aur Vidroh Ki Parampara
Type: Hindi
Author: Dr. Sameer Pandey
Description:
यह पुस्तक हिन्दी काव्य में व्यंग्य और विद्रोह का संक्षिप्त इतिहास है। इसमें व्यंग्य और विद्रोही चेतना की सामाजिक–आर्थिक पृष्ठभूमि एवं उस पर पड़नेवाले दार्शनिक प्रभावों की चर्चा के साथ–साथ प्रमुख कवियों जैसे कबीर, सूर, तुलसी, हीरा डोम, भारतेन्दु, निराला और नागार्जुन की कविताओं का सटीक विश्लेषण भी है।यह पुस्तक हिन्दी कविता के इतिहास में व्यंग्य और विद्रोह की परम्परा के साथ–साथ हिन्दी कविता के इतिहास को समझने के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
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