हमारी सभी उपलब्धियाँ हमारे सामर्थ्य से नहीं, समय की शक्ति से प्राप्त होती हैं। अपने हिस्से में आने वाले प्रत्येक क्षण का सम्मान करने वाले को ही दुनिया 'यार' भी कहती है और 'होसियार' भी कहती है। स्मरण रहे, दुनिया में सफल होने के लिए 'सियारी' नहीं, यारी काम आती है या होसियारी काम आती है। यार भव! होसियार भव!