हिंदी कहानी में प्रेमचंद से लगाकर आज तक सैकड़ों कथाकार हुए हैं और हजारों कहानियाँ। फिर भी कहानी के हिंदी संसार में कुछ कहानीकार हमेशा पाठकों की पसंद बने रहते हैं। स्वयं प्रकाश की कहानियों को इस श्रेणी में रखा जा सकता है जिन्हें सामान्य पाठकों से लगाकर आलोचकों तक की भरपूर सराहना मिली। इसका कारण है साफ़ जीवन दृष्टि, सुरुचिपूर्ण भाषा और सहज प्रस्तुति। इस चयन में स्वयं प्रकाश की तेरह चर्चित-प्रशंसित कहानियाँ हैं, जिनमें पार्टीशन, क्या तुमने कभी कोई सरदार भिखारी देखा?, आदमीजात का आदमी, रशीद का पाजामा, बर्डे, उलटा पहाड़ के साथ साथ बलि और गौरी का गुस्सा भी हैं। यह चयन विभाजन के कृत्रिम आधारों को खारिज कर मनुष्यधर्मी संवेदना को स्थापित करने वाली कहानियों को पाठकों के समक्ष रखता है। एक सुन्दर, स्वस्थ और प्रगतिशील भारत के लिए साहित्य की यही उपयोगिता हो सकती है। और इस संदर्भ में 'चौथा हादसा' की कहानियाँ बार-बार पढ़ी जाने योग्य कहानियाँ हैं।