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Jatak Kathayen

Jatak Kathayen

Raman Kumar Singh

Rs. 260.00

भारत की कहानी कहने की परंपरा जितनी पुरानी है, उतनी ही प्रभावशाली भी। और इस परंपरा में जातक कथाएँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय हैं। ये कथाएँ सिर्फ़ कहानियाँ नहीं, बल्कि हजारों वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी संचित वह बौद्धिक और नैतिक संपदा हैं जिन्होंने बच्चों से लेकर बड़ों तक को जीवन के कठिनतम प्रश्नों के सरल उत्तर दिए हैं। जिस तरह पंचतंत्र ने व्यवहारिक बुद्धिमत्ता और सामाजिक कौशल सिखाया, उसी तरह जातक कथाएँ ने हमें बताया कि कैसे करुणा, दया, और सत्य का मार्ग अपनाकर कोई भी व्यक्ति आत्मज्ञान की ओर बढ़ सकता है। जातक कथाएँ मूलतः भगवान बुद्ध के पूर्वजन्मों की जीवन गाथाएँ हैं, जिनमें वे कभी राजा बने, कभी ब्राह्मण, कभी हाथी, हिरण या कोई पक्षी। हर जन्म में उन्होंने किसी न किसी नैतिक मूल्यों की परीक्षा दी और मानवता के आदर्शों को निभाया। इन कहानियों का लक्ष्य केवल मनोरंजन नहीं है, बल्कि वे हमें यह सिखाने आती हैं कि जीवन का हर अनुभव-चाहे सुख हो या दुःख, विजय हो या पराजय-आध्यात्मिक उन्नति का अवसर बन सकता है। इन कथाओं की विशेषता यह है कि इनमें कथानक अत्यंत सहज और रोचक होता है, पात्र छोटे बच्चों की कल्पनाओं से लेकर प्रौढ़ों के विवेक तक को प्रेरित करते हैं, और अंत में जो शिक्षा मिलती है, वह कहीं गहरे तक बैठ जाती है। उदाहरण के लिए, एक कथा में बुद्ध एक शेर के रूप में जन्म लेते हैं, जो जंगल में न्यायप्रिय राजा होता है। वह अपने साथी जानवरों को बताता है कि डर के मारे झूठ बोलना या छल करना जीवित रहने का उपाय नहीं, बल्कि आत्मा के पतन का रास्ता है। इस तरह हर कथा में आत्मविकास और आत्म-साक्षात्कार का बीज मौजूद होता है। इन कहानियों को पढ़ते हुए पाठक यह महसूस करता है कि धर्म कोई रूढ़िगत या सीमित अवधारणा नहीं है, बल्कि वह एक ऐसा जीवंत अनुभव है जो जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं में भी प्रकट होता है। बुद्ध की शिक्षा 'अप्प दीपो भव'-"स्वयं अपना दीपक बनो"-इन कथाओं में हर मोड़ पर झलकती है। चाहे वह किसी असहाय की मदद हो, लोभ के विरुद्ध खड़ा होना हो, या फिर अहंकार का त्याग-हर कहानी मनुष्य को भीतर से झकझोरती है। जहाँ पंचतंत्र की कथाएँ व्यवहारिक चातुर्य और सामाजिक सम्बन्धों पर आधारित हैं, वहीं जातक कथाएँ आंतरिक शुद्धता, नैतिक दृढ़ता और करुणा के बल पर जीवन को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा देती हैं। यह अंतर दोनों ग्रंथों की आत्मा को अलग पहचान देता है। जातक कथाएँ केवल धर्मशास्त्र की विद्वत्ता का उदाहरण नहीं हैं, बल्कि ये जीवन की उस सरल और सच्ची समझ का दस्तावेज़ हैं जिसे कोई बच्चा भी समझ सकता है और कोई ऋषि भी मान सकता है। आज जब दुनिया तेज़ी से भौतिकवाद की दौड़ में उलझी हुई है, तब इन कथाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। ये हमें यह याद दिलाती हैं कि वास्तविक सुख, आत्म-संतोष और शांति बाहरी उपलब्धियों से नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता और प्रेम से मिलते हैं। यही कारण है कि आज भी जातक कथाएँ न सिर्फ़ बौद्ध परंपरा में, बल्कि भारतीय जनमानस में नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक जागृति का एक ज़िंदा स्रोत बनी हुई हैं। यह पुस्तक उसी परंपरा का विस्तार है-एक प्रयास कि इन अद्भुत कथाओं की आत्मा आज की पीढ़ी तक पहुंचे, एक ऐसी भाषा और शैली में जो उन्हें न सिर्फ़ समझ आये, बल्कि भीतर तक उतर जाये। जैसे बुद्ध ने सैकड़ों वर्ष पूर्व अपने अनुभवों को कथाओं के रूप में साझा किया, वैसे ही आज हमें भी यह प्रयास करना है कि हम इस अनमोल विरासत को खोने न दें-बल्कि इसे पुनः जीवंत करें, पुनः प्रासंगिक बनाएँ।

Details
  • HIN- Hindi
  • Paperback
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