Tamanna Khanam
Description:
संग्रह की कहानियों के लेखक हबीब कैफ़ी के आत्मकथ्य के संदर्भ में बरबस ही उर्दू के विश्व प्रसिद्ध अफ़साना निगार सआदत हसन मंटो की याद हो आती है तो इसलिए कि घोर गरीबी और अभावों के बीच भी उन्होंने जिस्म और नैसर्गिक यौन मनोविज्ञान को लेकर बेबाक लेखन किया था और इसके लिए उन्होंने मुकदमे भी झेले थे। लेकिन संग्रह 'तमन्ना खानम' की इन कहानियों के लेखक का संकोच व्यर्थ प्रतीत होता है। कारण इसका यह है कि लेखक ने लगभग इन्हीं विषयों को अपने मौलिक अंदाज में प्रस्तुत किया है।
सिद्धहस्त कहानीकार हबीब कैफ़ी एक शायर भी हैं, अतः सांकेतिकता के गुण ने इन कहानियों को अर्थवत्ता प्रदान करने के साथ ही साथ जीवंत भी बना दिया है। काल के हिसाब से देखा जाए तो साढ़े पाँच दशक पहले से लेकर आज तक के समय की ये कहानियाँ ताजा ही लगती हैं। इन्हें पढ़ने वाले पाएँगे कि इस बीच सामाजिक सरोकार की बातें भी लेखक बड़ी सफाई और सहजता से कह जाते हैं।
अपनी अनूठी शैली, प्रवाहमय भाषा और सहज प्रस्तुति के कारण ये कहानियाँ बार- बार पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। लंबे समय से जीवित ये कहानियाँ आगे भी बहुत लंबे समय तक जीवित रहती प्रतीत होती हैं।