Aankhon Dekha Paradesh
Type: Hindi
Author: Dr. Durgaprasad Agrawal
Description:
इस शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों में अनेक बार अमरीका जाने के और वहाँ रहने के संयोग जुटे। वहाँ के अपने अनुभवों के आधार पर जो कुछ लिखा वह दो किताबों के रूप में प्रकाशित हुआ। पहले आई 'आँखन देखी' (2008) और उसके बाद 'देश-परदेश' (2012)। इन दोनों किताबों को खूब पढ़ा गया। इण्टरनेट की शुरुआत वाले दिनों में 'आँखन देखी' की पीडीएफ डाउनलोड की जाकर भी खूब पढ़ी गई। 'आँखन देखी' पर राजस्थान साहित्य अकादमी का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार भी मुझे मिला। 'देश-परदेश' की अधिकांश सामग्री समाचार पत्रों में स्तंभों के रूप में प्रकाशित होने कारण भी खूब पढ़ी गई थी। लम्बे समय से ये दोनों किताबें अनुपलब्ध थीं।